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"होली छपरी लोगों का त्यौहार है" ऐसा बोलकर विवादों में घिरी 'फराह खान', हिंदुस्तानी भाऊ ने लिया एक्शन, थाने में शिकायत दर्ज कराया!!!

 

Farah Khan
" होली छपरी लोगों का त्यौहार है" बोलकर विवादों में घिरी फराह खान। हिंदुस्तानी भाऊ ने दर्ज करवाई शिकायत।

हाल ही में बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर और फिल्म निर्माता 'फराह खान' एक विवाद में घिर गई हैं। उन्होंने एक टेलीविजन शो के दौरान होली पर्व को लेकर एक टिप्पणी की, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इस विवाद के केंद्र में 'फराह खान' का वह बयान है, जिसमें उन्होंने होली को "छपरी लोगों का पसंदीदा त्योहार" कहा। इस टिप्पणी के बाद से ही फराह खान की आलोचना हो रही है, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठ रही है।

इस मामले में 'हिंदुस्तानी भाऊ' के नाम से मशहूर 'विकास फाटक' ने 'फराह खान' के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि फराह की इस टिप्पणी से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हिंदुस्तानी भाऊ के वकील 'अली काशिफ खान देशमुख' ने कहा, "मेरे मुवक्किल शुरू से ही उन सभी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, जो धर्मों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं और अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। यह बेहद शर्मनाक है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऊंचे दर्जे का दावा करने वाले लोग अपनी भाषा पर नियंत्रण नहीं रखते हैं।" उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और एफआईआर की मांग की है। अब वे खार पुलिस द्वारा जांच का इंतजार कर रहे हैं।

फराह खान की यह टिप्पणी 'सेलिब्रिटी मास्टरशेफ' शो के दौरान सामने आई, जहां वे जज की भूमिका निभा रही थीं। शो में उन्होंने कहा, "सारे छपरी लड़कों का पसंदीदा फेस्टिवल होली ही होता है।" इस बयान के बाद से सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही है, और कई लोग इसे हिंदू त्योहार का अपमान मान रहे हैं। इस विवाद के चलते फराह खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

फराह खान बॉलीवुड की जानी-मानी हस्ती हैं, जिन्होंने 'मैं हूं ना' और 'ओम शांति ओम' जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया है। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं और अक्सर कुकिंग से जुड़े Vlog साझा करती हैं। हालांकि, इस विवाद के बाद से उनकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि सार्वजनिक मंचों पर व्यक्तित्वों को अपनी भाषा और टिप्पणियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, ताकि किसी समुदाय की भावनाएं आहत न हों। देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं और फराह खान इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।

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