(Indian Forex Reserve)भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार:
भारत के पास विदेशी मुद्राओं का भंडार है जिसे वह अपने अर्थव्यवस्था की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयोग करता है।
महत्व :
1. आयात भुगतान : विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग देश द्वारा किए जाने वाले आयात भुगतान के लिए किया जाता है ।
2. बाहरी ऋण चुकाना: इसका उपयोग विदेशी मुद्रा में लिए गए ऋण को चुकाने के लिए भी किया जाता है किया जाता है।
3. मूल्य स्थिरीकरण: यह मुद्रा स्थिति को नियंत्रित करने और रुपए के मूल्य को स्थिर रखने में मदद करता है।
4. आर्थिक सुरक्षा यह देश को बाहरी आर्थिक सको से बचाने में मदद करता है।
5. इसका उपयोग विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए भी किया जाता है।
भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार का इतिहास:
1. 1991: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $5.8 बिलियन था।
2. 2000: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $30 बिलियन हो गया।
3. 2008: $240 बिलियन हो गया।
4. 2013: $300 बिलियन के पार हो गया।
5. 2023: 31 मई 2023 तक यह $651.5 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण :
1. अधिक निर्यात: भारत के निर्यात में वृद्धि हुई है जिससे इसके विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि हुई है ।
2. विदेशी निवेश: भारत में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है।
3. विदेशी प्रेषण: प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गए विदेशी मुद्रा में वृद्धि हुई है।
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